एक दिन किसी ने मुझसे पूछा माँ
की जरुरत है तुझे कब तक
मैंने अपनी आँख का एक
आंसू दरिया में दाल दिया
और कहा ये आंसू जब तक न मिले
आपको तब तक
ममता का नाम है माँ
अहसास का कनाम है माँ
डर में हिम्मत का नामहै माँ
चोट लगे तो मरहम का नाम है माँ
हर वक़्त मिलती रहती है मुझे
अंजनी सी सजा
मैं कैसे पुछु तक़दीर से
मेरा कसूर क्या है
सारे फूलों की खुशबू एक तरफ
माँ के पल्लू की खुशबु एक तरफ
Shayari on maa
मांग लूँ खुदा से मन्नत
के फिर यही झा मिले
फिर यही गोद मिले
फिर यही माँ मिले
बचपन में माँ का चोट पर फूक मरना
और कहना बस अभी ठीक हो जायेगा
कसम से ऐसा मरहम आज तक नहीं बना
एक अच्छी माँ हर किसी के पास होती है
लेकिन अच्छी औलाद हर किसी के
पास नहीं होती
इस तरह मेरे गुनाहो को धो देती है
माँ जब गुस्से में होती है
रो देती है
कोई कितना भी अच्छा क्यों न हो
माँ की कमी को कोई
पूरा नहीं कर सकता
हर पल ख़ुशी देती है माँ
अपनी जिंदगी से जीवन देती है माँ
भगवन क्या है माँ की पूजा करो जनाब
क्यों की भगवन को भी जनम देती है माँ
आज उसका दिन है
जिससे मेरी जिंदगी है
कितना भी लिखू
उसके लिए कम है
सच ये है की
माँ तू है तो हम हैं
Shayari on maa माँ के लिए बेहतरीन शायरी
अपनी जुबान की तेज़ी
उस माँ पर मत आज़माओ
जिसने आपको
बोलना सिखाया है
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कितना भी लिखू तेरे लिए
सब कम है
सच तो ये है की
माँ तू है तो हम हैं
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घेर लेने को जब भी
बलाएँ आ गईं
ढाल बनकर
माँ की दुआएं आ गई
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हजारों गम हो फिर भी
ख़ुशी से फूल जाती है
जब भी हस्ता है उसका लाल
माँ हर गम भूल जाती है
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मैं कैसे हार जाऊं हार के आगे
मेरी कामयाबी की दुआएं
मेरी माँ करती है खुदा से
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मुझे तो अपने हाथ की
हर एक ऊँगली से
बहुत प्यार है
न जाने माँ ने कौन
सी ऊँगली पकड़ के
मुझे चलना सिखाया था
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पूछता है जब कोई मुझसे की
दुनिया में मुहब्बत अब बची
है कहाँ, मुस्कुरा देता हूँ मैं
और माँ की याद आ जाती है
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जिसके होंठो पर हमेशा
दुआ होती है
वो माँ है जनाब
जो कभी खफा नहीं होती
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